RAM तथा ROM क्या होती है? इसकी विशेषताएं  तथा यह कितने प्रकार की होती है?

नमस्कार दोस्तों आज का यह पोस्ट हम पढ़ने वाले हैं। ( What is RAM and ROM ) RAM तथा ROM के बारे में दोस्तों कंप्यूटर में RAM तथा ROM दोनों ही मेमोरी की प्रकार होते हैं। जिनके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी हम इस पूरे पोस्ट में पढ़ने वाले हैं। दोस्तों RAM का नाम Random Access Memory कहलाता है। यह कंप्यूटर की एक अस्थाई मेमोरी होती है। दोस्तों RAM कई आकार में पाई जाती है। जैसे कि एक एमबी 2MB 3MB 4MB 128MB आदि। दोस्तों ROM अर्थात Read-only memory यह कंप्यूटर की स्थाई मेमोरी के रूप में जानी जाती है। दोस्तों यह मेमोरी कंप्यूटर में उपस्थित प्रोग्राम को स्थाई रूप से अपने अंदर स्टोर करके रखती है।

दोस्तों यह दोनों प्रकार की मेमोरी अलग-अलग होती हैं इसीलिए हम इस पोस्ट में इन दोनों के बारे में अलग-अलग समझेंगे।

RAM ( Random Access Memory )

दोस्तों जैसा कि हमने शुरुआत में ही देखा है कि RAM अर्थात Random Access Memory एक अस्थाई मेमोरी होती है। दोस्तों सबसे पहले हम यह समझते हैं कि आखिर इसे अस्थाई मेमोरी क्यों कहा जाता है। दोस्तों रैम कंप्यूटर में उपस्थित एक ऐसी मेमोरी होती है। जिन पर इनपुट डिवाइस के द्वारा इनपुट दिया गया डाटा प्रोसेसिंग के पहली इस पर संग्रहित होता है। और सीपीयू द्वारा आवश्यकता पड़ने पर यहां से वह डाटा प्राप्त कर लिया जाता है। RAM  में उपस्थित है कोई भी डाटा या प्रोग्राम स्थाई रूप से संग्रहित नहीं होते हैं। वह कुछ समय के लिए उस पर संग्रहित होते हैं। यदि कंप्यूटर में विद्युत प्रवाह रुक जाता है। तो RAM  में उपस्थित डाटा मिट जाता है इसीलिए दोस्तों RAM  को अस्थाई मेमोरी अथवा वॉल टाइल मेमोरी भी कहते हैं।

RAM ( Random Access Memory )  की प्रकार

  • डायनेमिक रैम
  • स्टैटिक RAM

डायनेमिक RAM ( Dynamic random access memory)

दोस्तों डायनेमिक रैम को हम संक्षिप्त नाम में  DRAM के नाम से जानते हैं। दोस्तों यह RAM शुरुआत की समय में हमें देखने मिलती थी। डायनामिक रैम में हमें कार्य करने के लिए ऐसी जल्दी-जल्दी रिफ्रेश करने की आवश्यकता पड़ती है। दोस्तों रिफ्रेश करने के लिए इसरे में एक चिप के माध्यम से विद्युत का आवेश भेजा जाता है। सिग्नल के रूप में दोस्तों यह एक सेकंड में कई हजारों बार रिफ्रेश करना पड़ता है। दोस्तों यही रिफ्रेश करने की प्रोसेस की कारण यह है दूसरी रैम की अपेक्षा में धीमा कार्य करती है। दोस्तों DRAM का यह है एक सबसे बड़ा डिसएडवांटेज है इसकी स्पीड स्लो होती है।

स्टैटिक RAM (static RAM)

दोस्तों स्टैटिक रहे हैं को हम संक्षिप्त नाम के रूप में S RAM भी कहते हैं। दोस्तों इस RAM को भी रिफ्रेश करने की आवश्यकता होती है। परंतु DRAM की अपेक्षा static RAM को रिफ्रेश करने की हमें बहुत कम आवश्यकता होती है। जिस कारण से इसपर में हमारा डाटा अधिक समय तक स्टोर रहता है। जिस कारण से इस RAM  के द्वारा रन होने वाले कंप्यूटर अधिक तेजी से कार्य करने में सक्षम होते हैं। दोस्तों यह रैम डायनामिक रैम की अपेक्षा महंगी होती है और इसकी स्पीड बहुत अधिक होती है।

RAM  की प्रमुख विशेषताएं

  • कंप्यूटर में उपस्थित RAM  उस कंप्यूटर की कार्य करने की स्पीड को बहुत अधिक प्रभावित करती है। दोस्तों RAM  जितनी अच्छी और अधिक संग्रह करने वाली वह हमारे कंप्यूटर में उपस्थित होगी उतना ही स्पीड और ज्यादा काम हमारा कंप्यूटर कर सकता है।
  • रैम किसी भी यूजर के प्रोग्राम को रन करने के लिए उस प्रोग्राम के लिए आवश्यक प्रोग्राम डाटा को अपने में संग्रहित कर दी है जिस कारण से वह कार्य तेज गति से हो पाता है।
  • RAM  में किसी भी तरह की सूचना अथवा डाटा को ना सिर्फ उस पर राइट किया जा सकता है। अपितु उसे आवश्यकता पड़ने पर रीड भी किया जा सकता है।

ROM ( Read-only memory )

दोस्तों जैसा कि हमने पोस्ट की शुरुआत में ही देखा था कि ROM एक कंप्यूटर की स्थाई मेमोरी होती है। जोकि कंप्यूटर निर्माताओं द्वारा निर्माण के समय उस पर स्थाई रूप से प्रोग्राम को संचित संग्रहित करने के लिए बनाई जाती है। तथा जब भी कंप्यूटर ऑपरेटर को उन प्रोग्राम्स की आवश्यकता होती है। तो इस मेमोरी के द्वारा कंप्यूटर को व प्रोग्राम उपलब्ध कराने के लिए इस मेमोरी का उपयोग किया जाता है।

दोस्त हूं ROM का नाम Read-only memory इसीलिए होता है। क्योंकि एक ROM में संग्रह प्रोग्राम को परिवर्तित और नष्ट नहीं किया जा सकता सिर्फ उस प्रोग्राम को रीड ही किया जा सकता है। इस कारण से इस मेमोरी को हम रीड ओनली मेमोरी कहते हैं। यदि किसी कारण से कंप्यूटर की विद्युत सप्लाई बंद भी हो जाती है। तो भी इस मेमोरी में उपस्थित प्रोग्राम तथा डाटा नहीं मिलते हैं। अतः इस मेमोरी को हम स्थाई मेमोरी तथा नॉन वोलेटाइल मेमोरी के नाम से भी जानते हैं।

ROM के प्रकार

दोस्त हो कंप्यूटर की शुरुआत में ROM के निर्माण कंप्यूटर निर्माताओं के द्वारा किया जाता था। तो उस पर उपस्थित प्रोग्राम्स को हम ना तो मिटा सकते थे। ना ही उनमें किसी तरह का संशोधन कर सकते थे। यह एक बहुत बड़ी समस्या थी जिसके समाधान के लिए बाद में कुछ अलग प्रकार के ROM का निर्माण किया गया। जिन्हें हम ना सिर्फ इन में उपस्थित प्रोग्राम्स को मिटा सकते थे। अपितु इनमें संशोधन में कर सकते थे।

जिस कारण से रूम अलग-अलग प्रकार की नाम से आती हैं जो कि निम्नलिखित हैं

  • P ROM ( Programmable Read-only memory )
  • EP ROM ( Erasable Programmable Read-only memory )
  • Electrically EEP ROM (Electrically Erasable Programmable Read-only memory )

P ROM ( Programmable Read-only memory )

इस मेमोरी मैं किसी भी प्रकार की प्रोग्राम को केवल एक बार संग्रह किया जा सकता है। और एक बार संग्रह हो जाने के बाद उस प्रोग्राम को ना तो दोबारा मिटाया जा सकता है। ना ही किसी प्रकार से संशोधित किया जा सकता है। इस प्रकार की हमको हम Programmable RAM  कहते हैं। दोस्तों यह रैम सबसे बेसिक प्रकार की रैम कहलाती है।

EP ROM ( Erasable Programmable Read-only memory )

दोस्तों यह रैम भी प्रोग्राम में Programmable RAM  की तरह ही होती है। इस पर भी हम प्रोग्राम को संग्रह करते हैं। परंतु दोस्तों इस तरह में हम पराबैंगनी किरणों के द्वारा संग्रहित किए गए प्रोग्राम को मिटा सकते हैं। नए प्रोग्राम को इसमें संग्रह भी कर सकते हैं। दोस्तों इस प्रकार की ROM में प्रोग्राम्स को मिटाने के लिए अथवा उस पर नए प्रोग्राम को संग्रहित करने के लिए हमें एक विशेष प्रकार की यंत्र की आवश्यकता होती है। जिसके माध्यम से हम उस तरह में अल्ट्रावायलेट तरंगों को भेजते हैं। और प्रोग्राम को मिटाते हैं। इस यंत्र को हम आईसी प्रोग्रामर के नाम से जानते हैं।

Electrically EEP ROM (Electrically Erasable Programmable Read-only memory )

दोस्तों यह ROM बिल्कुल Erasable Programmable ROM की भांति ही होती हैं। इस पर हम प्रोग्राम स्‍टोर करना या मिटाना अथवा संशोधित करने में सक्षम होते हैं। परंतु इस ROM में हम संग्रहित किए हुए प्रोग्राम को हम विद्युत विधि के द्वारा मिटा सकते हैं। दोस्तों इस ROM में हम एक इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजकर इस ROM मैं संग्रह किए हुए प्रोग्राम को मिटा सकते हैं। संशोधित कर सकते हैं। अथवा नया प्रोग्राम डाल सकते हैं। दोस्तों इस प्रकार की रैम को संशोधित करने के लिए हमें किसी प्रकार की अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि इस पर हम एक इलेक्ट्रिकल सिगनल अप्लाई करते हैं। जो कि हमें कंप्यूटर में आसानी से प्राप्त हो जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों इस पूरे पोस्ट को पढ़कर आप यह समझ ही चुके होंगे आखिर ( What is RAM and ROM ) RAM  तथा ROM होती क्या है । कंप्यूटर में हमें इस प्रकार की मेमोरी की आवश्यकता क्यों होती है। दोस्तों संक्षिप्त रूप में कहा जाए तो RAM के कारण ही हमारी कंप्यूटर की स्पीड होती है। दोस्तों जितनी अच्छी रैम हम अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करेंगे उतनी ही अधिक स्पीड पर हमारा कंप्यूटर कार्य करेगा। दोस्तों किसी भी कंप्यूटर की स्पीड के लिए प्रोसेसर के साथ-साथ उस कंप्यूटर में उपस्थित RAM भी बहुत अधिक सहायक होती है। दोस्तों इस पूरे पोस्ट में मैंने आपको RAM  तथा रूम के बारे में अधिक से अधिक विस्तृत रूप से समझाने की कोशिश की है।

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