दोस्त लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिक्स पर आधारित मल्टीप्रोग्रामिंग मल्टी टास्किंग मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है. दोस्तों इन शब्दों को यदि हम सरल भाषा में समझे. तो मल्टीप्रोग्रामिंग अर्थात जिस पर अलग-अलग तरह की प्रोग्रामिंग की जा सकती है, की हुई है तथा मल्टीटास्किंग अर्थात एक साथ इस ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा अलग-अलग कार्यों को किया जा सकता है, मल्टी यूजर अर्थात इस ऑपरेटिंग सिस्टम कुमार एक साथ बहुत सारे यूजर्स के द्वारा उपयोग में लाया जा सकता है. दोस्तों लाइनेक्स की शुरुआत विशेष रुप से IBM PC के लिए की गई थी. दोस्तों शुरुआती समय में ऑपरेटिंग सिस्टम करनैल ( kernel operating system ) ही था. जिसके द्वारा हम कंप्यूटर को या फिर किसी भी तरह के सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए उपयोग में लाते थे. दोस्तों परंतु इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर हमें किसी भी नए ऑपरेशन के लिए हमें एक अलग से प्रोग्राम बनाना पड़ता था. जिससे कि हमारे समय तथा रिसोर्सेज की बर्बादी होती थी. दोस्तों लैनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स सिस्टम है. जिसके द्वारा हम लाइनेक्स को कभी भी कहीं भी डाउनलोड करके उपयोग कर सकते हैं. और ओपन सोर्स होने के कारण हम इसके किसी भी प्रोग्राम को अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करके उसे अपने विशेष कार्य के लिए उपयोग कर सकते हैं. दोस्तों यही खूबी Linux Operating System In Hindi को आज के दौर में भी सबसे अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम साबित करती है.
लाइनेक्स की आवश्यकता
दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीपल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है. लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है. दोस्तों लाइनेक्स के बारे में कहा जाए तो लाइनेक्स यूनिक्स ( unix operating system ) का एक संशोधित किया हुआ संस्करण है. दोस्तों unix operating system पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम है. जिस पर ग्राफिक मोड सपोर्ट नहीं करता था. जिस को पूरी तरह से अपडेट करके लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाया गया है. जिस पर की हम ग्राफिकल मोड भी उपयोग कर सकते हैं.
क्योंकि इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर GUI ( graphical user interface) के रूप में विकसित किया गया है. दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के हमें इंटरनेट पर प्राप्त हो जाता है. जो कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता है दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का RedHat, Amazon,Oracle, NOVELL जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में इस सिस्टम का उपयोग होने के कारण लाइनेक्स बहुत ही कम समय में बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया. और आज के समय में भी यह बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है.
लाइनेक्स का इतिहास
दोस्तों जैसा कि हमने शुरुआत में ही जाना लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिक्स पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसको सर्वप्रथम 5 अक्टूबर 1991 को जारी किया गया था. दोस्तों इन ऑपरेटिंग सिस्टम को Linus Torvalds ने किया था जिन्हें कि हम लाइनेक्स का जनक भी कहते हैं. दोस्तों LInus Torvalds University of Helsinki के छात्र थे. इन्होंने शुरुआत में kernel operating system को भी बनाने में अपनी सहभागिता दी थी. kernel operating system लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का एक केंद्रीय भाग है. जिस को आधार मानकर ही इन्होंने संपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे लाइनेक्स के नाम से जाना जाता है, इसका विकास किया था.
दोस्तों जब इन्होंने शुरुआत में इस ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाया. उसके बाद उन्होंने इसे इंटरनेट में खुले माध्यम में अपने मित्र अपने सहयोगी और अन्य व्यवसायियों को वितरित कर दिया. जिसके कारण इन्हें बहुत सारे लोगों से इस पर सहयोग मिला और आज के समय में लाइनेक्स इंटरनेट पर मुफ्त उपलब्ध होने के कारण अनेकों लोग हर रोज इस पर नए नए फीचर्स जुड़ते जा रहे हैं. जिस कारण से आज के दौर में भी हम कह सकते हैं. कि लाइनेक्स अन्य किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम से अधिक फीचर वाला और अधिक उपयोगी उपयोग होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम बन चुका है.
लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का स्ट्रक्चर
दोस्त लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का स्ट्रक्चर ऑफ नीचे दिए हुए डायग्राम से समझ सकते हैं इस डायग्राम में मैं आपको लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की सबसे मुख्य घटकों को बताऊंगा जिनको मिलकर ही लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम कार्य करता है
हार्डवेयर
दोस्तों किसी भी सिस्टम में हार्डवेयर सबसे पहला घटक माना जाता है. जिनके द्वारा मिलकर ही किसी भी सिस्टम का निर्माण होता है. उसे हार्डवेयर के द्वारा ही कोई भी सिस्टम उपयोग किया जा सकता है.
कर्नल
दोस्तों जैसा कि हमने शुरुआत समझा था कि कर्नल एक प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि अपडेट होकर ही लाइनेक्स के रूप में आज हमारे सामने हैं. दोस्तों इस घटक में हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम की नियंत्रित करने वाली सभी डिवाइस और हार्डवेयर, को कंट्रोल करने के लिए कर्नल ही हर रिक्वेस्ट का रिस्पांस और यह एक्सेप्ट करता है.
ऑपरेटिंग सिस्टम तथा एप्लीकेशन प्रोग्राम
दोस्तों यह है लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे अंतिम घटक है. दोस्तों में लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की सबसे बाहरी लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का एप्लीकेशन प्रोग्राम की होती है. ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर सीधे-सीधे हार्डवेयर के साथ इंटरेस्ट नहीं होता ऑपरेटिंग सिस्टम एप्लीकेशन प्रोग्राम तथा एप्लीकेशन प्रोग्राम सॉफ्टवेयर के साथ इंटरेक्ट करता है. जोकि यूजर को सभी जानकारियां प्रदान करते हैं. तथा सभी जानकारियों को लेकर उसे मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करके ऑपरेटिंग सिस्टम तक प्रोसेस के लिए पहुंचाते हैं.
लाइनेक्स के कुछ ऐसे फीचर्स जो कि लाइनेक्स को दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से अनोखा बनाते हैं वह निम्नलिखित हैं
ओपन सोर्स होना
दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि लाइनेक्स को बनाने वाले व्यक्ति ने ही इसे ओपन सोर्स रखा है. अर्थात इसे कोई भी डाउनलोड करके अपने सिस्टम पर चला सकता है. यही इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है, दोस्तों अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे कि विंडोज विस्टा आदि हमें अपने सिस्टम पर इंस्टॉल करने के लिए उन्हें परचेज करना आवश्यक होता है. परंतु लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम बिना किसी खर्च किए अपने सिस्टम पर इंस्टॉल कर सकते हैं. और इसका उपयोग कर सकते हैं. होने के कारण ओपन सोर्स होने के कारण यदि हम इस सिस्टम को अपने किसी विशेष कार्य के लिए उपयोग करना चाहते हैं. तो हम इस ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनी आवश्यकता के अनुसार बना भी सकते हैं. क्योंकि यह सिस्टम पूर्णता ओपन सोर्स है यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है.
लाइनेक्स का तेज होना
दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पुरानी समय से चला आ रहा है. जिस कारण से आज के समय के नए-नए इक्विपमेंट में यह है. अधिक तेजी से कार्य करता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यह बहुत ही कम कॉन्फ़िगरेशन के सिस्टम पर उपयोग करने के लिए बनाया गया था. यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. कि यह है आज के समय के सिस्टम में भी बहुत अधिक तीव्र गति से कार्य करता है. दोस्तों इस पर बहुत अधिक ग्राफिक का प्रयोग नहीं होता यही एक कारण भी है. कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में अधिक तेज गति से चलता है.
लाइनेक्स का मुफ्त प्राप्त होना
Linux ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरनेट पर हमें निशुल्क प्राप्त होता है. इससे की हमें इंटरनेट पर इसी आसानी से प्राप्त करके अपने सिस्टम पर इंस्टॉल करने के लिए किसी भी प्रकार की अतिरिक्त खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ती. यह अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम की अपेक्षा एक अच्छा विकल्प माना जाता है.
Linux का मल्टी यूजर होना
दोस्त लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टी यूजर सुविधाएं देता है. लाइनेक्स के द्वारा हम अपने एक ही सिस्टम में इसे इंस्टॉल करके एक लिमिटेड रिसोर्स का उपयोग, करके अपने अधिक से अधिक यूजर्स के पास इस सिस्टम के द्वारा कार्य को कर सकते हैं. दोस्तों मल्टी यूजर होने के कारण ही हम इस ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा बहुत ही कम संसाधनों में अपने बड़े से बड़े कार्यों को बड़े ही आसानी से कर सकते हैं.
लाइनेक्स का प्लेटफॉर्म इंडिपेंडेंट होना
दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम एक एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है. जिससे हम किसी भी तरह के कंप्यूटर के कॉन्फ़िगरेशन में चलाना संभव है. उदाहरण के लिए हमारा कंप्यूटर आईबीएम का हो अथवा एप्पल या अन्य किसी भी तरह की कंपनी का हो, यह ऑपरेटिंग सिस्टम हमारे कंप्यूटर पर बड़ी ही आसानी से चलाया जा सकता है. यह ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी तरह की विशेष कंडीशन के लिए बाध्य नहीं होता है. यही इसका एक बहुत ही अच्छा फीचर है.
लाइनेक्स की सिक्योरिटी
दोस्तों लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स होने के कारण इस ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी भी तरह की विशेष सिक्योरिटी की आवश्यकता नहीं होती. क्योंकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम अपने आप में बहुत ही ज्यादा सिक्योर माना गया है. किसी भी तरह के अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम की अपेक्षा दोस्तों इस ऑपरेटिंग सिस्टम में हमें किसी भी तरह का अन्य एंटीवायरस इंस्टॉल नहीं करना पड़ता. यह एक बहुत ही अच्छा फीचर है लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का.
हार्डवेयर रिक्वायरमेंट लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए
दोस्त प्लेनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए हमें किसी भी तरह की विशेष हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती. जो कि हमें आज के समय के विंडोज और कोई भी नए ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने के लिए पढ़ती है. परंतु दोस्तों चलिए हम जानते हैं, कि हम हैं कितनी हार्डवेयर की आवश्यकता होगी. लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए इसका जवाब बहुत ही सरल शब्दों में कहा, जाए तो हमें लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने के लिए कोई भी ऐसा पुराना कॉन्फ़िगरेशन उपयोग में किया जा सकता है. जिस पर हम दोस्त चला सकते हो दोस्तों ऐसा कोई भी सिस्टम जिस पर हम दोस्त को चला सकते हैं. उस पर हम लिरिक्स को भी चला सकते हैं.
मिनिमम हार्डवेयर रिक्वायरमेंट लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
दोस्तों विज्ञान की इस दुनिया में हमें किसी भी चीज के लिए उसकी विशेष रिक्वायरमेंट जाननी बहुत आवश्यक है. दोस्तों इसी तरह से लेने से ऑपरेटिंग सिस्टम की मिनिमम हार्डवेयर रिक्वायरमेंट निम्नलिखित है.
- एक प्रोसेसर प्रोसेसर 386 या उससे ऊपर के संस्करण का कोई भी प्रोसेसर.
- 16mb या उससे अधिक रैम इसके लिए आवश्यक होती है दोस्तों वैसे तो लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को आप 8 एमबी की रैम के साथ भी चला सकते हैं. परंतु वह अगर हमें अपने ऑफिस के उपयोग के लिए इस पर स्टार ऑफिस चलाना होता है. तो हमें कम से कम 32 एमबी की रैम की आवश्यकता होती है. परंतु दोस्तों यदि हम और भी अधिक सॉफ्टवेयर चलाना चाहते हैं तो हमें इस पर कम से कम 64 एमबी की रैम की आवश्यकता होगी.
- 300mb से लेकर 9 जीबी तक का हार्ड डिस्क.
- किसी भी तरह के सॉफ्टवेयर को लोड कराने के लिए एक सीडी रोम अथवा पुराने समय का फ्लॉपी डिस्क भी चल सकता है.
निष्कर्ष
दोस्तों इस पूरे पोस्ट को पढ़कर आप आसानी से समझ चुके होंगे कि आज के समय में भी लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इतना लोकप्रिय क्यों हैं दोस्तों लाइनेक्स की इतनी सारी विशेषताएं होने के कारण. आज के समय में भी इसका उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने सर्वर रूम में उसका मेंटेनेंस करने के लिए इसी ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रही हैं. दोस्तों लाइनेक्स एक ऐसा सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर है. जिसको आज तक किसी भी दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने अपने से ज्यादा लोकप्रिय होने से नहीं रोक सका. दोस्तों इस पूरे पोस्ट को पढ़कर यदि आप किसी जानकारी अथवा त्रुटि को देखें तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स पर अवश्य उसे लिखकर सेंड करें से कि हम अधिक से अधिक अच्छी जानकारियां आप तक पहुंचाएं.